Mon, 14 Apr 2025 17:23:31 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA
वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र के कोटवा गांव में हिन्दू समाज के एक व्यक्ति की नृशंस हत्या ने पूरे क्षेत्र में रोष और असुरक्षा का माहौल खड़ा कर दिया है। हिन्दू युवा वाहिनी के निवर्तमान मंडल प्रभारी एवं वाराणसी विकास प्राधिकरण (वीडीए) के मानद सदस्य अम्बरीष सिंह 'भोला' ने सोमवार को गांव का दौरा कर पीड़ित परिवार से मुलाकात की और इस दर्दनाक घटना को हिन्दू समाज को भयभीत करने का सुनियोजित प्रयास बताया।
गौरतलब है कि 10 फरवरी 2025 को कोटवा गांव निवासी भाईलाल पटेल की हत्या कर उनका शव जलाकर खेत में फेंक दिया गया था। मृतक की पत्नी ऊषा देवी ने गांव के प्रधान रिजवान समेत चार मुस्लिम कट्टरपंथियों के खिलाफ नामजद तहरीर दी, जिसके आधार पर लोहता थाने में एफआईआर दर्ज की गई। हालांकि, अब तक केवल एक आरोपी की गिरफ्तारी हुई है जबकि शेष फरार हैं। गांव में व्याप्त भय और तनाव के बीच अधिकांश हिन्दू परिवार खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं।
कोटवा गांव, जिसकी लगभग 90% आबादी मुस्लिम है, वहां के हालातों पर प्रतिक्रिया देते हुए भोला ने कहा, "यह केवल एक व्यक्ति की हत्या नहीं है, यह हिन्दू समाज को दबाने और डराने की एक साजिश है। प्रशासन की ढील और राजनीतिक मौन ने कट्टरपंथियों के हौसले बढ़ा दिए हैं।" उन्होंने आरोप लगाया कि कोटवा जैसे संवेदनशील गांवों में आए दिन हिन्दू परिवारों के साथ उत्पीड़न की घटनाएं होती हैं, लेकिन अब तक प्रशासन ने कोई निर्णायक कदम नहीं उठाया है।
भोला ने यह भी घोषणा की कि वह इस मामले को पूज्य योगी आदित्यनाथ महाराज तक पहुंचाएंगे और मांग करेंगे कि ऐसे मुस्लिम कट्टरपंथियों के खिलाफ सख्त से सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि यह मामला केवल एक गांव या एक परिवार का नहीं है, बल्कि पूरे हिन्दू समाज की अस्मिता और सुरक्षा का सवाल है।
पीड़ित परिवार से मिलकर लौटने के बाद भोला ने यह भी कहा कि वह इस विषय को न केवल प्रशासनिक स्तर पर, बल्कि सामाजिक और संगठनात्मक मंचों पर भी मजबूती से उठाएंगे ताकि भविष्य में किसी निर्दोष के साथ ऐसी बर्बरता न हो। उन्होंने प्रशासन से आग्रह किया कि वह तत्काल प्रभाव से सभी आरोपियों की गिरफ्तारी करे, गांव में पुलिस गश्त बढ़ाए और पीड़ित परिवार को सुरक्षा प्रदान करे।
स्थानीय ग्रामीणों ने भी इस दौरान अपना आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि गांव में हिन्दू अल्पसंख्यकों के साथ लगातार भेदभाव और उत्पीड़न हो रहा है। उन्होंने प्रशासन से त्वरित न्याय और सुरक्षा की मांग की।
यह घटना न केवल वाराणसी जिले के लिए, बल्कि समूचे प्रदेश के लिए एक चेतावनी है कि यदि समय रहते सांप्रदायिक कट्टरता पर लगाम नहीं लगाई गई, तो इसके गंभीर सामाजिक परिणाम हो सकते हैं। अब ज़रूरत है कि शासन-प्रशासन इस पर गंभीरता से विचार करे और ऐसी घटनाओं को दोहराए जाने से रोके।