यमुनानगर: PM मोदी ने किया थर्मल पावर प्लांट का शिलान्यास, 14 साल बाद रामपाल कश्यप ने पहनी चप्पल

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यमुनानगर में दीनबंधु छोटूराम थर्मल पावर प्लांट की नई इकाई का शिलान्यास किया, वहीं रामपाल कश्यप नामक व्यक्ति ने PM से मिलने के बाद 14 साल बाद चप्पल पहनी।

Mon, 14 Apr 2025 20:20:57 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA

नई दिल्ली: यमुनानगर- भारत रत्न डॉ. भीमराव अंबेडकर की 135वीं जयंती के अवसर पर देश ने जहां संविधान निर्माता को श्रद्धांजलि दी, वहीं हरियाणा के यमुनानगर जिले ने एक ऐतिहासिक क्षण का साक्षी बनते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्वागत किया। इस मौके पर प्रधानमंत्री ने दीनबंधु छोटूराम थर्मल पावर प्लांट की नई 800 मेगावाट क्षमता वाली तीसरी इकाई का शिलान्यास किया, जिसकी अनुमानित लागत लगभग 8469 करोड़ रुपये है। यह इकाई राज्य की ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने में एक बड़ी भूमिका निभाएगी और क्षेत्रीय विकास को नई दिशा देगी।

प्रधानमंत्री का यह दौरा केवल एक औपचारिक सरकारी कार्यक्रम तक सीमित नहीं रहा, बल्कि यहां एक ऐसा भावनात्मक क्षण भी सामने आया जिसने देशभर में लोगों के दिलों को छू लिया। यमुनानगर में आयोजित एक सार्वजनिक सभा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मुलाकात कैथल जिले के गांव खेड़ी गुलाम अली के मूल निवासी रामपाल कश्यप से हुई, जो पिछले 14 वर्षों से एक विशेष संकल्प का पालन कर रहे थे। रामपाल कश्यप ने वर्ष 2011 में यह प्रण लिया था कि जब तक नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री नहीं बनते और जब तक उनकी उनसे प्रत्यक्ष मुलाकात नहीं हो जाती, तब तक वे चप्पल नहीं पहनेंगे और नंगे पांव ही रहेंगे।

हालांकि नरेंद्र मोदी 2014 में ही देश के प्रधानमंत्री बन चुके थे और बाद में हरियाणा में भी भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनी, लेकिन रामपाल कश्यप की उनसे मुलाकात संभव नहीं हो पाई थी। इस कारण उन्होंने आज तक अपना संकल्प नहीं तोड़ा और लगातार नंगे पांव रहे। लेकिन 14 अप्रैल 2025 को उनका यह 14 वर्षों का इंतजार समाप्त हुआ, जब वे पहली बार प्रधानमंत्री से मिले। इस मुलाकात के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने स्वयं उन्हें अपने हाथों से जूते पहनाए, जो एक अत्यंत भावनात्मक और मानवीय क्षण बन गया।

प्रधानमंत्री ने इस दृश्य का एक वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर साझा किया और उसमें लिखा, यमुनानगर में एक सार्वजनिक सभा के दौरान मेरी मुलाकात कैथल से आए रामपाल कश्यप से हुई। उन्होंने 14 वर्ष पहले एक संकल्प लिया था कि जब तक मैं प्रधानमंत्री नहीं बनता और वे मुझसे मिल नहीं लेते, तब तक वे चप्पल नहीं पहनेंगे। रामपाल जैसे लोगों की भावनाओं से मैं अभिभूत हूं। मैं उनके स्नेह को ससम्मान स्वीकार करता हूं, लेकिन मैं ऐसे सभी साथियों से एक विनम्र अनुरोध करता हूं। आपका प्रेम मेरे लिए अमूल्य है। कृपया अपने संकल्पों को समाजसेवा और राष्ट्र निर्माण से जुड़ी किसी सकारात्मक दिशा में लगाएं।

रामपाल कश्यप, जो अब करनाल में निवास कर रहे हैं, कैथल जिले के सिवान खंड के सबसे पुराने पार्टी कार्यकर्ताओं में गिने जाते हैं। वे वर्षों से पार्टी के प्रति पूरी निष्ठा और समर्पण के साथ कार्य करते आ रहे हैं। उनका यह संकल्प न केवल व्यक्तिगत आस्था और विश्वास का प्रतीक है, बल्कि यह इस बात का भी प्रमाण है कि देश के राजनीतिक नेतृत्व और आम जनमानस के बीच एक भावनात्मक और गहरा संबंध मौजूद है।

प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा और रामपाल कश्यप के साथ हुआ यह आत्मीय संवाद एक ओर जहां विकास योजनाओं को गति देने का संकेत है, वहीं यह जननेता और जनता के बीच के विश्वास, प्रेम और समर्पण की मिसाल भी बन गया है। यमुनानगर की यह ऐतिहासिक घड़ी केवल शिलान्यास की नहीं, बल्कि एक लंबे संकल्प की पूर्ति और भावनात्मक मिलन की कहानी भी है, जो आने वाले वर्षों में प्रेरणा का स्रोत बनी रहेगी।

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