वाराणसी: गंगा किनारे अफीम की अवैध खेती, नारकोटिक्स टीम ने नष्ट कराई फसल, जांच जारी

वाराणसी के चौबेपुर में नारकोटिक्स विभाग की टीम ने एक हेक्टेयर में फैली पोस्तदाना की अवैध फसल को नष्ट किया, यह कार्रवाई सिंहवार गांव के गंगा कछार क्षेत्र में की गई, मामले की जांच जारी है।

Thu, 13 Mar 2025 13:28:31 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA

वाराणसी: नारकोटिक्स विभाग की लखनऊ और गाजीपुर यूनिट की संयुक्त टीम ने मंगलवार को वाराणसी जिले के चौबेपुर थाना क्षेत्र के सिंहवार गांव में गंगा नदी कछार में बोई गई पोस्तदाना की फसल को नष्ट कर दिया। पोस्तदाना से ही अफीम तैयार होती है, जिसे मादक पदार्थों की श्रेणी में रखा जाता है। इस कार्रवाई के दौरान लगभग एक हेक्टेयर क्षेत्र में फैली फसल को उखाड़कर पंचायत भवन में जमा कराया गया और बुधवार को उसे गड्ढे में दबा दिया गया।

नारकोटिक्स टीम को गुप्त सूत्रों से सूचना मिली थी कि सिंहवार गांव के गंगबरार क्षेत्र में अफीम की अवैध खेती हो रही है। इसके बाद मंगलवार शाम टीम ने क्षेत्रीय लेखपाल के साथ मिलकर मौके पर जांच की, जिसमें 15 स्थानों पर पोस्तदाना की फसल पाई गई। अधिकारियों के अनुसार, पौधों के तनों और फलों पर किसी भी प्रकार के कट के निशान नहीं पाए गए, जिससे यह स्पष्ट नहीं हो सका कि इसका अवैध रूप से उपयोग किया जा रहा था या नहीं।

नारकोटिक्स विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, यह जमीन राजस्व अभिलेखों में गंगबरार के रूप में दर्ज है, जो सरकारी भूमि की श्रेणी में आती है। ऐसे में किसी व्यक्ति के स्वामित्व की पुष्टि नहीं हो सकी, जिसके कारण अभी तक किसी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई नहीं हुई है। हालांकि, गांव में चर्चा है कि इतनी बड़ी मात्रा में अवैध खेती बिना स्थानीय सहयोग के संभव नहीं हो सकती।

गांव में यह भी चर्चा है कि एक स्थानीय युवक ने गंगा किनारे एक वीडियो बनाया था, जिसमें अफीम की फसल नजर आ रही थी। यह वीडियो वायरल होने के बाद लखनऊ नारकोटिक्स विभाग ने संज्ञान लिया और तुरंत कार्रवाई की योजना बनाई। ग्रामीणों के अनुसार, कभी-कभी एक बाहरी व्यक्ति खेत में आकर फूल तोड़कर ले जाता था, लेकिन किसी को इस पर संदेह नहीं हुआ।

अब तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है, लेकिन नारकोटिक्स विभाग और चौबेपुर पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि यह अवैध खेती कौन करवा रहा था। अधिकारियों ने बताया कि संबंधित व्यक्ति की पहचान के लिए गुप्त तरीके से पड़ताल की जा रही है।

इस पूरी घटना के बाद गांव में नारकोटिक्स विभाग की कार्रवाई को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं हो रही हैं। कुछ ग्रामीणों का कहना है कि यदि अफीम की खेती हो रही थी, तो इसके लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। वहीं, कुछ लोग यह भी सवाल उठा रहे हैं कि बिना किसी स्वामित्व की पुष्टि के इतनी बड़ी मात्रा में पोस्तदाना कैसे उगाया गया।

नारकोटिक्स विभाग का कहना है कि मामले की जांच जारी है और दोषियों की पहचान होते ही कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

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