Sun, 02 Mar 2025 18:37:06 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA
लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने एक बार फिर अपने भतीजे आकाश आनंद को पार्टी के सभी पदों से हटा दिया है। यह एक साल में दूसरी बार है जब आकाश को उत्तराधिकारी और नेशनल कोऑर्डिनेटर के पद से हटाया गया है। मायावती ने स्पष्ट किया कि वह अपने जीते-जी किसी को भी अपना उत्तराधिकारी घोषित नहीं करेंगी।
यह ऐलान मायावती ने रविवार को लखनऊ में बसपा कार्यकर्ताओं के साथ हुई बैठक के दौरान किया। इस बैठक में उन्होंने दो नए नेशनल को-ऑर्डिनेटर नियुक्त किए हैं। आकाश के पिता आनंद कुमार और राज्यसभा सांसद रामजी गौतम को पार्टी की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
बैठक में बसपा के कई राज्यों के प्रदेश अध्यक्ष मौजूद थे, लेकिन आकाश आनंद इस मीटिंग में शामिल नहीं हुए। शुरुआत में मंच पर दो कुर्सियां लगाई गई थीं, लेकिन बाद में एक कुर्सी हटा ली गई और मंच पर केवल मायावती ही बैठी रहीं।
बसपा ने 10 दिसंबर 2023 को यूपी-उत्तराखंड के नेताओं की बैठक बुलाई थी, जिसमें मायावती ने अपने भतीजे आकाश आनंद को पार्टी का उत्तराधिकारी घोषित किया था। हालांकि, 7 मई 2024 को आकाश की गलतबयानी के कारण मायावती ने उनसे सभी जिम्मेदारियां छीन लीं और उन्हें अपरिपक्व बताया।
47 दिन बाद, 23 जून 2024 को मायावती ने अपना फैसला पलटते हुए आकाश को फिर से उत्तराधिकारी और नेशनल कोऑर्डिनेटर बनाया। लेकिन अब एक बार फिर उन्होंने आकाश को सभी पदों से हटा दिया है।
बसपा सुप्रीमों बहन मायावती ने बैठक में कहा, मेरे लिए पार्टी सबसे पहले है, परिवार बाद में। मैंने यह निर्णय लिया है कि मेरे जीते-जी पार्टी में मेरा कोई उत्तराधिकारी नहीं होगा। मैं पार्टी को आखिरी सांस तक ईमानदारी से आगे बढ़ाऊंगी।
उन्होंने यह भी कहा कि आकाश के ससुर अशोक सिद्धार्थ, जिन्हें पार्टी से निकाल दिया गया है, उनके कारण आकाश के राजनीतिक करियर को नुकसान पहुंचा है। मायावती ने कहा, अशोक सिद्धार्थ ने पार्टी को गुटों में बांटकर कमजोर करने का काम किया। इसलिए आकाश को सभी जिम्मेदारियों से हटाया गया है।
बसपा सुप्रीमो ने 15 दिन पहले आकाश आनंद को अल्टीमेटम दिया था। उन्होंने कहा था कि बसपा का वास्तविक उत्तराधिकारी वही होगा, जो कांशीराम की तरह पार्टी के लिए हर तकलीफ उठाकर आखिरी सांस तक लड़ेगा।
18 दिन पहले मायावती ने आकाश के ससुर अशोक सिद्धार्थ और उनके करीबी नितिन सिंह को पार्टी से निष्कासित कर दिया था। यह कदम संगठन में गुटबाजी और अनुशासनहीनता के आरोपों के बाद उठाया गया था।
आकाश आनंद ने 2017 में पहली बार सहारनपुर की एक जनसभा में मायावती के साथ राजनीति में कदम रखा था। 2019 में उन्हें नेशनल कोऑर्डिनेटर बनाया गया। 2022 के हिमाचल विधानसभा चुनाव में उनका नाम स्टार प्रचारकों की लिस्ट में शामिल था। आकाश ने लंदन से एमबीए की पढ़ाई की है और उनकी शादी बसपा के पूर्व राज्यसभा सदस्य अशोक सिद्धार्थ की बेटी डॉ. प्रज्ञा से हुई है।
2007 में यूपी विधानसभा में 206 सीटें जीतने वाली बसपा की स्थिति अब काफी कमजोर हो चुकी है। 2022 के विधानसभा चुनाव में पार्टी को केवल एक सीट मिली थी। 2024 के लोकसभा चुनाव में भी बसपा का प्रदर्शन खराब रहा और वह एक भी सीट नहीं जीत पाई।
मायावती ने पार्टी को फिर से मजबूत करने का संकल्प लिया है, लेकिन आंतरिक कलह और नेतृत्व को लेकर अनिश्चितता के बीच बसपा का भविष्य अभी अनिश्चित ही दिख रहा है।