Sun, 13 Apr 2025 10:51:17 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA
गाजीपुर: जिले के भांवरकोल थाना क्षेत्र के एक गाँव में शुक्रवार की रात एक ऐसी घटना घटी जिसने न सिर्फ पूरे गाँव को स्तब्ध कर दिया, बल्कि मानवता को शर्मसार करने वाली इस वारदात ने समाज के सामने फिर से सवाल खड़े कर दिए। एक पिता ने अपनी ही चार साल की मासूम बेटी के साथ दुष्कर्म जैसा जघन्य अपराध किया, जिसके बाद गाँव में रहने वाले लोगों का आक्रोश फूट पड़ा।
रात का वह काला सच: जब पिता बना दरिंदा
पीड़िता का परिवार गाँव में अस्थायी तौर पर रह रहा था। पति-पत्नी अपने नाना-नानी के घर में रहते थे, लेकिन उनके निधन के बाद कभी किसी के घर तो कभी पंचायत भवन में रात गुज़ार लेते थे। परिवार में छह साल का एक बेटा और चार साल की बेटी थी। शुक्रवार की रात दोनों बच्चे अपनी माँ के साथ सोए थे, लेकिन रात के अंधेरे में आरोपी पिता ने अपनी ही बेटी के साथ हैवानियत की हद पार कर दी।
सुबह खून से सनी ड्रेस देख माँ की चीखें
सुबह जब पीड़िता की माँ की नींद खुली, तो उसने देखा कि उसकी बेटी के कपड़े खून से सने हुए हैं और फर्श पर भी खून बिखरा पड़ा है। यह दृश्य देखते ही वह सदमे में आ गई और चीखने-चिल्लाने लगी। उसकी आवाज़ सुनकर पड़ोसी और गाँव वाले मौके पर पहुँचे। घटना की भयावहता से सभी स्तब्ध रह गए। गाँव वालों ने तुरंत पुलिस को सूचना दी, जिसके बाद पुलिस ने मासूम बच्ची को मेडिकल जाँच और इलाज के लिए ट्रॉमा सेंटर भेज दिया।
पुलिस ने दर्ज किया मुकदमा, आरोपी गिरफ्तार
पीड़िता की माँ ने पुलिस में अपने पति के खिलाफ लिखित शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद भांवरकोल पुलिस ने आरोपी पिता को गिरफ्तार कर लिया। थानाध्यक्ष विवेक तिवारी ने बताया कि पीड़िता का इलाज चल रहा है और आरोपी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे मामलों में कानूनी प्रक्रिया तेजी से पूरी की जाएगी ताकि न्याय सुनिश्चित हो सके।
गाँव में आक्रोश, समाज के लिए सवाल
इस घटना ने पूरे गाँव को झकझोर कर रख दिया है। लोगों का कहना है कि जिस बच्ची को पिता की छाया में सुरक्षित महसूस करना चाहिए था, उसी ने उसके साथ ऐसा अमानवीय व्यवहार किया, यह सोचकर ही रोंगटे खड़े हो जाते हैं। महिलाओं और बच्चों के खिलाफ बढ़ते अपराधों पर समाज को गंभीरता से सोचने की जरूरत है। क्या हमारी व्यवस्था इतनी कमजोर हो चुकी है कि एक पिता अपनी ही संतान के साथ ऐसा करने का साहस जुटा लेता है।
न्याय की उम्मीद
अब सभी की निगाहें कानूनी प्रक्रिया पर टिकी हैं। पुलिस ने आश्वासन दिया है कि आरोपी को सख्त सजा दिलाने के लिए पूरी तरह से कार्रवाई की जाएगी। लेकिन सवाल यह है कि क्या सिर्फ सजा से ऐसी घटनाओं पर रोक लगेगी? समाज को भी जागना होगा और ऐसे अपराधियों के खिलाफ आवाज़ उठानी होगी, ताकि कोई और मासूम इस तरह की बर्बरता का शिकार न हो।