Mon, 14 Apr 2025 17:11:02 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA
वाराणसी: असम के राज्यपाल लक्ष्मण आचार्य अपने दो दिवसीय दौरे पर रविवार को काशी पहुंचे। उन्होंने अपनी यात्रा की शुरुआत वाराणसी के लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से की, जहां उनका भव्य स्वागत किया गया। एयरपोर्ट पर क्षेत्रीय अध्यक्ष भाजपा दिलीप पटेल के नेतृत्व में बड़ी संख्या में भाजपा कार्यकर्ता और स्थानीय नेता मौजूद रहे, जिन्होंने पारंपरिक अंदाज में राज्यपाल का जोरदार अभिनंदन किया।
राज्यपाल आचार्य के स्वागत में भाजपा कार्यकर्ताओं ने पूरे जोश और सम्मान के साथ हिस्सा लिया। दिलीप पटेल के साथ-साथ स्वागत में प्रमुख रूप से नागेंद्र रघुवंशी, अशोक राय, सोमनाथ यादव, सुरेंद्र प्रताप सिंह, अमित सिंह, अवधेश राय, पवन सिंह, मनीष पाल तथा भाजपा किसान मोर्चा काशी प्रांत के क्षेत्र उपाध्यक्ष एवं प्रोटोकॉल प्रभारी शैलेश पाण्डेय सहित कई कार्यकर्ता मौजूद रहे। सभी ने मिलकर राज्यपाल को पुष्पगुच्छ भेंट कर उनका अभिवादन किया और काशी आगमन पर शुभकामनाएं दीं।
लक्ष्मण आचार्य का यह दौरा केवल एक औपचारिक यात्रा न होकर काशी से उनके गहरे जुड़ाव का प्रतीक भी है। वाराणसी उनके लिए केवल एक शहर नहीं, बल्कि उनकी जन्मभूमि है, जहां की सांस्कृतिक विरासत और आध्यात्मिक वातावरण से वे व्यक्तिगत रूप से जुड़े हुए हैं। अपने प्रवास के दौरान वे न केवल धार्मिक स्थलों का दर्शन करेंगे, बल्कि सामाजिक व राजनीतिक स्तर पर भी कई महत्वपूर्ण लोगों से भेंट करेंगे और विभिन्न कार्यक्रमों में भाग लेंगे।
राज्यपाल के इस दौरे को राजनीतिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। एक ओर जहां यह यात्रा उनके व्यक्तिगत नाते और काशी से आत्मीय संबंध को दर्शाती है, वहीं दूसरी ओर यह भाजपा कार्यकर्ताओं के लिए भी प्रेरणा और उत्साह का स्रोत बनी हुई है। इस यात्रा के माध्यम से पार्टी कार्यकर्ताओं को वरिष्ठ नेतृत्व के प्रति अपनी निष्ठा प्रकट करने और संगठनात्मक मजबूती का प्रदर्शन करने का अवसर मिला।
दो दिवसीय प्रवास के दौरान राज्यपाल लक्ष्मण आचार्य का विभिन्न सामाजिक संगठनों और शैक्षणिक संस्थानों में भी जाने का कार्यक्रम निर्धारित है। उनके इस दौरे को लेकर प्रशासन और भाजपा संगठन द्वारा व्यापक तैयारियाँ की गई हैं। काशीवासियों के लिए यह गौरव का क्षण है कि उनके बीच से निकला एक नेतृत्वकर्ता आज देश के एक महत्वपूर्ण राज्य का संवैधानिक प्रमुख बनकर पुनः अपनी जन्मभूमि में उपस्थित है।
राज्यपाल आचार्य का यह दौरा न केवल भावनात्मक रूप से विशेष है, बल्कि यह राजनीतिक, सामाजिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से भी एक महत्वपूर्ण घटना बन गया है, जो आने वाले समय में काशी और पूर्वांचल की राजनीति पर सकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।