Mon, 24 Feb 2025 22:24:53 - By : AAKASH TIWARI
वाराणसी : भारतीय संस्कृति की अनूठी छवि उस समय देखने को मिली जब एक विदेशी जोड़े ने हिंदू परंपरा के अनुसार विवाह किया। यूरोपीय मूल की लताविया ने एंटोन के साथ पारंपरिक भारतीय रीति-रिवाजों के साथ विवाह किया। सुर्ख लाल रंग का लहंगा-चुनरी, सिर पर पल्लू, हाथों में मेहंदी और पूरा भारतीय श्रृंगार किए लताविया किसी भारतीय दुल्हन से कम नहीं लग रही थीं। वहीं, एंटोन सफेद रंग की शेरवानी, लाल दुपट्टे और पगड़ी में बेहद आकर्षक दिख रहे थे।
शादी समारोह की शुरुआत एंटोन की बारात से हुई, जो होटल के दरवाजे पर पहुंचते ही पारंपरिक भारतीय गीत 'दामाद जी...' की धुन पर थिरकने लगी। इस दौरान घराती और बाराती दोनों ने मिलकर जमकर नृत्य किया। इसके बाद 'हम बाराती बारात लेके...' गाने की धुन पर एंटोन भी नाचते हुए स्टेज तक पहुंचे। शनिवार रात को हुए इस विवाह के वीडियो सोमवार को सामने आए, जिसमें भारतीय संस्कृति की झलक साफ नजर आई।
जब एंटोन स्टेज पर पहुंचे, तो वह अपनी दुल्हन लताविया का इंतजार करने लगे। कुछ ही देर बाद, लताविया हाथों में वरमाला लेकर मंच की ओर बढ़ीं। इस दौरान उनके भाई सिर पर चुनरी का आंचल थामे हुए थे, जिसके साए में वह धीरे-धीरे आगे बढ़ रही थीं। इसके बाद वरमाला का कार्यक्रम संपन्न हुआ और फिर शुभ नक्षत्र में सनातन परंपरा के अनुसार विदेशी जोड़े का विवाह संपन्न कराया गया। विवाह की विधियों में हिंदू संस्कृति के सभी परंपरागत अनुष्ठान किए गए, जिससे यह शादी और भी विशेष बन गई।
शादी के बाद एंटोन ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा, "हिंदू धर्म में मेरी अटूट आस्था है। मैं पहले भी भारत आ चुका हूं और यहां की आध्यात्मिकता मुझे हमेशा आकर्षित करती है। इसी कारण मैंने भारतीय परंपरा के अनुसार वाराणसी में शादी करने का निर्णय लिया। मेरे इस फैसले में मेरे परिवार और मेरी पत्नी दोनों ने मेरा पूरा समर्थन किया। मैं इस पवित्र अवसर के लिए भारत और विशेष रूप से काशी को धन्यवाद देना चाहता हूं।"
शादी के आयोजन स्थल होटल हार्दिक पलासियो लक्सा के मैनेजर ने बताया कि 22 तारीख को इस विवाह समारोह के लिए बैंक्वेट हॉल बुक किया गया था। विदेशी जोड़े ने पूरी तरह सनातन हिंदू रीति-रिवाजों से विवाह किया, जिसमें मंत्रोच्चारण और वैदिक अनुष्ठान भी शामिल थे। शादी के तुरंत बाद यह जोड़ा अपने आठ विदेशी मित्रों के साथ वाराणसी से रवाना हो गया।
इस विवाह ने यह साबित कर दिया कि भारतीय संस्कृति की सुगंध सीमाओं से परे जाकर भी लोगों को अपनी ओर आकर्षित करती है। वाराणसी के इस अनोखे विवाह समारोह ने भारतीय परंपराओं और संस्कारों को एक वैश्विक पहचान दी और यह दिखाया कि भारतीय विवाह न केवल एक परंपरा है, बल्कि यह आत्मिक और सांस्कृतिक जुड़ाव का एक अनूठा प्रतीक भी है।