वाराणसी: ATS ने 15 साल से फर्जी पहचान के साथ रह रहे, बांग्लादेशी नागरिक को सारनाथ से किया गिरफ्तार...

वाराणसी में यूपी एटीएस ने सारनाथ से एक बांग्लादेशी नागरिक को गिरफ्तार किया है, जो 15 साल से फर्जी पहचान और दस्तावेजों के सहारे भारत में रह रहा था, उसके पास से कई फर्जी भारतीय दस्तावेज बरामद हुए हैं।

Wed, 09 Apr 2025 00:42:05 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA

वाराणसी: सारनाथ की पावन धरती, जहां बुद्ध की शिक्षाएं गूंजती हैं, वहीं की गलियों में एक चौंकाने वाली कहानी ने सनसनी फैला दी है। यूपी एटीएस की पैनी नजर ने उस परत को हटाया, जिसके नीचे छिपा बैठा था एक घातक सच 15 वर्षों से फर्जी पहचान के सहारे भारत की छाती पर सांस ले रहा था एक बांग्लादेशी नागरिक।

गिरफ्तारी जिसने उड़ा दिए होश

मंगलवार की रात यूपी एटीएस की वाराणसी इकाई ने सारनाथ चौक, बरईपुर इलाके में दबिश दी और किराये के मकान में रह रहे होल मोंग सिंग मार्मा को धर दबोचा। असली पहचान? बांग्लादेश के बंदरवन जिले के नायककपारा रूमा का रहने वाला। लेकिन 15 सालों से वह भारत में ‘मोंग फ्रू मोग’ नाम से रह रहा था। एक नाम, जिसने धोखे की पूरी इमारत खड़ी कर रखी थी।

फर्जी दस्तावेजों का जाल

एटीएस को उसकी संदिग्ध पहचान की सूचना मिली थी। जांच शुरू हुई और जैसे-जैसे परतें खुलीं, अफसर भी दंग रह गए। उसके पास से भारतीय पासपोर्ट, आधार कार्ड, पैन कार्ड सहित अनेक सरकारी दस्तावेज बरामद हुए, जो पूरी तरह फर्जी निकले। इन दस्तावेजों के दम पर उसने खुद को भारत का नागरिक साबित कर रखा था और सालों से सारनाथ में खुलेआम रह रहा था।

भारत में घुसपैठ की कहानी

पूछताछ में मोंग ने बताया कि वर्ष 2010 में वह अवैध रूप से मिजोरम के रास्ते भारत में दाखिल हुआ। वहां एक गिरोह ने उसकी मदद की, जिसने फर्जी पहचान पत्र तैयार करवा दिए। इसके बाद वह असम और बिहार होते हुए वाराणसी के सारनाथ पहुंचा। यहां बुद्धिस्ट टेंपल में हेल्पर की नौकरी पकड़ ली। कम तनख्वाह के चलते काम छोड़ा और अब वह सारनाथ म्यूजियम के पास एक हैंडीक्राफ्ट दुकान पर 15 हजार रुपये प्रतिमाह कमा रहा था।

म्यांमार से शादी, लेकिन भारत में पहचान फर्जी

2019 में म्यांमार के पर्यटकों के एक दल से उसकी मुलाकात एक युवती से हुई, जो आगे चलकर उसकी पत्नी बनी। उसने बताया कि शादी म्यांमार जाकर की और अब उसकी पत्नी वहीं रहती है। लेकिन हैरानी की बात यह है कि इस पूरे समय में वह भारत में एक फर्जी नागरिक बनकर जिंदगी जी रहा था।

पुलिस का एक्शन मोड

यूपी एटीएस ने आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर सारनाथ पुलिस के हवाले कर दिया है। एसीपी सारनाथ, डॉ. अतुल अंजान त्रिपाठी ने बताया कि पूछताछ जारी है और आरोपी को अदालत में पेश किया जाएगा।

क्या कहती है ये गिरफ्तारी?

यह सिर्फ एक गिरफ्तारी नहीं, बल्कि हमारे सिस्टम को चुनौती है। कैसे एक बांग्लादेशी नागरिक फर्जी दस्तावेजों के दम पर 15 वर्षों तक भारत में न केवल रह सकता है, बल्कि शादी कर सकता है, नौकरी पा सकता है, और हर सरकारी पहचान पत्र अपने नाम करवा सकता है?

अब सवाल उठते हैं —

✅क्या वह अकेला है या इसके पीछे एक संगठित गिरोह काम कर रहा है?

✅कितने और ऐसे ‘मोंग फ्रू मोग’ हमारे बीच रह रहे हैं?

✅सरकारी दस्तावेज कैसे इस तरह से जाली बनवा लिए जाते हैं?

यूपी एटीएस की यह कार्रवाई सिर्फ एक गिरफ्तारी नहीं, बल्कि एक चेतावनी है। फर्जी पहचान से जीने वालों के दिन अब गिनती के हैं।

यूपी खबर आगे भी आपको ऐसे ही सच के करीब लाता रहेगा। जुड़ें रहें, सतर्क रहें।

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