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वाराणसी हाईवे पर महिला तस्कर 30 लाख की चरस के साथ गिरफ्तार, गिरोह के नेटवर्क का हुआ खुलासा

वाराणसी हाईवे पर महिला तस्कर 30 लाख की चरस के साथ गिरफ्तार, गिरोह के नेटवर्क का हुआ खुलासा

वाराणसी में एसटीएफ ने 30 लाख रुपये की चरस के साथ एक महिला तस्कर और उसके साथी को गिरफ्तार किया, जिनके पास से 5 किलो 628 ग्राम चरस बरामद हुई, यह गिरोह बिहार और नेपाल तक फैला है।

वाराणसी: स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने मंगलवार को वाराणसी हाईवे पर एक टूर एंड ट्रैवल्स बस से 30 लाख रुपये की चरस के साथ एक महिला तस्कर और उसके साथी को गिरफ्तार कर लिया। आरोपियों के पास से 5 किलो 628 ग्राम चरस बरामद हुई, जिसे अगले 24 घंटे में वाराणसी में खपाने की योजना थी।

पूछताछ में पता चला कि महिला तस्कर शिखा वर्मा, वाराणसी में सक्रिय एक बड़े ड्रग तस्करी गिरोह का हिस्सा है, जिसका संचालन चौक थाना क्षेत्र निवासी सरगना देवेंद्र कुमार मिश्रा करता है। इस गिरोह का नेटवर्क वाराणसी के अलावा बिहार और नेपाल तक फैला हुआ है। शिखा और उसका साथी संतोष कुमार झा, जो बिहार के सुपौल का निवासी है, गिरोह के लिए चरस की खेप मनाली से वाराणसी लेकर आ रहे थे।

गिरफ्तारी की कार्रवाई एसटीएफ के इंस्पेक्टर अनिल कुमार सिंह को सूचना मिली थी कि टूर एंड ट्रैवल्स की बसों के जरिए नशीले पदार्थों की तस्करी की जा रही है। इसी आधार पर टीम ने वाराणसी हाईवे पर चेकिंग अभियान चलाया और एक बस की तलाशी ली। तलाशी में तीन बैग, चार मोबाइल और 2600 रुपए मिले, तीन बैग से एक में चरस भरी हुई थी। मोबाइल में कई तस्करों के फोन नंबर और जानकारी भी मिली है।

गिरफ्तार महिला तस्कर शिखा वर्मा ने खुलासा किया कि वह जनवरी में टूर के बहाने मनाली गई थी। 21 जनवरी को उसने मनाली से चरस की खेप लेकर वाराणसी के लिए रवाना हुई थी। इस खेप को चौक थाना क्षेत्र में गिरोह के सदस्यों को सौंपा जाना था। गिरोह का काम करने का तरीका गिरोह की कार्यप्रणाली बेहद संगठित और गुप्त थी। ड्रग्स की खेप लेने के लिए एक ओटीपी सिस्टम का इस्तेमाल किया जाता था। मनाली में तनु नामक सप्लायर से माल लेने के लिए ओटीपी देवेंद्र कुमार मिश्रा के जरिए भेजा गया। पेमेंट पहले ही ऑनलाइन कर दिया गया था। शिखा ने बताया कि उसे हर खेप लाने के बदले 50 हजार रुपये मिलते थे।

गिरोह की महिला सदस्य होने के कारण शिखा का इस्तेमाल ड्रग्स की तस्करी में इसलिए किया गया क्योंकि महिला के होने से पुलिस का शक कम हो जाता था। शिखा खुद एक समय ड्रग एडिक्ट थी और अपनी लत पूरी करने के लिए तस्करी के धंधे में शामिल हुई। गिरोह के अन्य सदस्यों का खुलासा पूछताछ के दौरान शिखा वर्मा ने गिरोह के अन्य सदस्यों के नाम भी बताए, जो वाराणसी और बिहार में सक्रिय हैं। गिरोह का सरगना देवेंद्र कुमार मिश्रा, जो पहले भी ड्रग्स के मामले में जेल जा चुका है, फिलहाल फरार है। पुलिस ने गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश के लिए तीन मोबाइल नंबर सर्विलांस पर लगा दिए हैं।

महाकुंभ और तस्करी के बढ़ते मामलों पर सतर्कता महाकुंभ के दौरान हिमाचल प्रदेश के मनाली, बिहार और नेपाल बॉर्डर से ड्रग्स की भारी मात्रा में तस्करी के इनपुट्स मिलने के बाद एसटीएफ और एटीएस सक्रिय हो गई है। इस मामले में बरामद मोबाइल और दस्तावेजों से पुलिस को गिरोह के बड़े नेटवर्क का पता लगाने में मदद मिल रही है। आगे की जांच जारी एसटीएफ ने शिखा वर्मा और संतोष कुमार झा के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है और गिरोह के बाकी सदस्यों की तलाश जारी है। पुलिस का कहना है कि ड्रग्स तस्करी के इस बड़े नेटवर्क को खत्म करने के लिए जल्द ही और गिरफ्तारियां की जाएंगी।

Published By : SANDEEP KR SRIVASTAVA Updated : Wed, 29 Jan 2025 12:10 AM (IST)
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Tags: varanasi crime drug trafficking up police varanasi

Category: crime uttar pradesh varanasi

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