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वाराणसी: महा नवमी पर काशी देवीमय, कंजक पूजन से नारी शक्ति का सम्मान

वाराणसी: महा नवमी पर काशी देवीमय, कंजक पूजन से नारी शक्ति का सम्मान

वाराणसी में चैत्र नवरात्रि के अंतिम दिन महा नवमी पर आस्था और श्रद्धा का अद्भुत संगम दिखा, जहां कंजक पूजन के साथ नारी शक्ति का सम्मान किया गया और मंदिरों में भक्तों का सैलाब उमड़ा।

वाराणसी: काशी की पावन धरती पर चैत्र नवरात्रि के नौवें दिन 'महा नवमी' का भव्य उत्सव आस्था, शक्ति और श्रद्धा की दिव्यता के रंगों से सराबोर नजर आया। शहर के कोने-कोने में मां दुर्गा के जयकारे गूंज उठे, मंदिरों में घंटियों की मधुर ध्वनि और भक्तों के भक्ति भाव से काशी एक बार फिर देवीमय हो गई।

‘कंजक पूजन’ बना श्रद्धा का केंद्र:

इस पावन अवसर पर घर-घर में ‘कंजक पूजन’ की धूम रही। हिंदू परंपरा में शक्ति स्वरूपा मानी जाने वाली छोटी बच्चियों को देवी दुर्गा के जीवंत रूप के रूप में पूजा गया। 2 से 10 वर्ष की आयु की बालिकाओं को आमंत्रित कर भक्तों ने उनके पांव धोए, उन्हें चुनरी ओढ़ाई, भोजन कराया और उपहार भेंट किए। यह केवल एक धार्मिक परंपरा नहीं, बल्कि नारी शक्ति के सम्मान और संरक्षण का जीवंत प्रतीक बन गया।

नवमी का शुभ संकेत और सिद्धिदात्री की महिमा:

महा नवमी, नवरात्रि के अंतिम दिन, मां सिद्धिदात्री की आराधना का दिन माना जाता है। सिद्धिदात्री—जो साधकों को सिद्धि और ध्यान की शक्ति प्रदान करती हैं—की पूजा से घर-परिवार में सुख, समृद्धि और शांति की वर्षा होती है। शास्त्रों के अनुसार, इसी दिन देवी ने महिषासुर का वध कर अधर्म पर धर्म की विजय का उद्घोष किया था।

काशी के मंदिरों में भक्तों का सैलाब:

काशी के प्रमुख मंदिर—विशालाक्षी देवी मंदिर, दुर्गा कुंड, अन्नपूर्णा मंदिर में श्रद्धालुओं की अपार भीड़ उमड़ी। आरती और मंत्रोच्चार से मंदिर परिसर गूंज उठा। भक्तों ने उपवास रखकर, दीप जलाकर और मां को पुष्प अर्पित कर दिव्य आशीर्वाद की कामना की।

भक्ति और बाजार का संगम:

मंदिरों के चारों ओर लगी दुकानों में भी चहल-पहल बनी रही। पूजन सामग्री, प्रसाद और पारंपरिक व्यंजनों की खुशबू ने वातावरण को और भी उल्लासपूर्ण बना दिया। दुकानदारों की मुस्कान और भक्तों की आस्था ने बाजार को एक उत्सव स्थल में बदल दिया।

वाराणसी बना श्रद्धा और संस्कृति का संगम स्थल:

देशभर से आए श्रद्धालुओं ने वाराणसी की आस्था की गहराई को एक बार फिर महसूस किया। नवरात्रि की नवमी को जिस गरिमा और भव्यता से यहां मनाया गया, वह पूरे देश के लिए प्रेरणास्त्रोत है। यह न सिर्फ धार्मिक परंपरा है, बल्कि मातृशक्ति के प्रति सम्मान का जीवंत उदाहरण भी।

नवमी का यह दिन, बना शक्ति, श्रद्धा और संस्कृति का उत्सव।

Published By : SANDEEP KR SRIVASTAVA Updated : Sun, 06 Apr 2025 12:56 PM (IST)
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Tags: varanasi news chaitra navratri kanyak pujan

Category: religion uttar pradesh

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