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वाराणसी: पूर्वांचल निगम में छंटनी, 49 निविदा कर्मचारी निकाले गए, हड़ताल के बाद भी कार्रवाई

वाराणसी: पूर्वांचल निगम में छंटनी, 49 निविदा कर्मचारी निकाले गए, हड़ताल के बाद भी कार्रवाई

पूर्वांचल निगम ने वाराणसी ग्रामीण क्षेत्र में छंटनी करते हुए 49 निविदा कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखाया है, जबकि निगम प्रबंधन ने हड़ताल के बाद बहाली का आश्वासन दिया था।

वाराणसी: पूर्वांचल निगम में कार्यरत निविदा कर्मचारियों के लिए आज का दिन एक बुरी खबर लेकर आया। निगम प्रबंधन द्वारा लंबे समय से अटकी पड़ी छंटनी योजना को आखिरकार लागू कर दिया गया। लखनऊ में हुई बैठक के बाद निदेशक (कार्मिक) द्वारा 55 वर्ष से अधिक उम्र के कर्मचारियों को हटाने और बाकी बचे निविदा कर्मियों की भी छंटनी करने के संकेत पहले ही दे दिए गए थे, लेकिन कर्मचारियों को भरोसा था कि उनके हितों की रक्षा होगी। अफसोस, ऐसा नहीं हुआ।

ताज़ा जानकारी के अनुसार, निगम ने छंटनी योजना के पहले चरण में वाराणसी ग्रामीण क्षेत्र के 49 निविदा कर्मियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया। जबकि सूत्रों से मिली खबर के अनुसार, यहाँ कुल 129 कर्मियों की छंटनी होनी तय है। अचानक आई इस कार्रवाई से निविदा कर्मियों में हड़कंप मच गया है।

सिर्फ एक दिन पहले निगम प्रांगण में निविदा कर्मचारियों की बहाली को लेकर केंद्रीय पदाधिकारियों ने भूखहड़ताल का आयोजन किया था। तब निगम प्रबंधन ने बातचीत कर बहाली का आश्वासन देते हुए एक समिति के गठन की बात कही थी। कर्मचारियों को उम्मीद जगी थी कि शायद राहत मिलेगी, मगर अगले ही दिन छंटनी योजना के लागू होते ही वे खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं।

सूत्रों की मानें तो विभाग और फर्म के बीच गुपचुप तरीके से कुछ नाम पहले से ही तैयार कर लिए गए थे, जिन्हें सूची में डालकर बाहर कर दिया गया। हैरानी की बात यह है कि इनमें कई ऐसे कर्मचारी भी शामिल हैं, जिन्होंने वर्षों से पूरी निष्ठा और ईमानदारी के साथ अपनी सेवाएँ दीं। बिजली आपूर्ति जैसी संवेदनशील सेवा में दिन-रात जुटे इन कर्मचारियों के साथ इस तरह का व्यवहार निगम की मंशा पर सवाल खड़े कर रहा है।

गौरतलब है कि वर्तमान में निगम में नियमित कर्मियों की भारी कमी है। हजारों पद वर्षों से खाली पड़े हैं। दूसरी ओर, उपभोक्ताओं की संख्या हर फीडर पर 3 से 4 गुना बढ़ चुकी है। ऐसे में निविदा कर्मचारियों की छंटनी कर निगम आखिर किस दिशा में जाना चाहता है, यह सवाल हर कर्मचारी और उपभोक्ता के मन में है।

पूर्वांचल क्षेत्र के ग्रामीण इलाकों में बिजली व्यवस्था पहले ही चुनौतियों से घिरी है। ऐसे में गर्मी के मौसम में, जब बिजली की मांग चरम पर होगी, क्या प्रबंधन इस स्थिति को संभाल पाएगा। या फिर निजीकरण के विरोध की आंधी के बीच आम उपभोक्ताओं को परेशानी झेलनी पड़ेगी।

निविदा कर्मचारियों ने इस कार्रवाई के विरोध में आंदोलन और कानूनी विकल्पों को खंगालने की तैयारी शुरू कर दी है। वहीं, निगम प्रबंधन के अगले कदम और समिति की रिपोर्ट को लेकर भी सभी की निगाहें टिकी हैं। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि कर्मचारी हित बनाम प्रबंधन की नीति की यह जंग किस करवट बैठती है।

Published By : SANDEEP KR SRIVASTAVA Updated : Fri, 21 Mar 2025 01:25 AM (IST)
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Tags: varanasi news purvanchal nigam tenders employees

Category: breaking news uttar pradesh

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