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वाराणसी के मंडुवाडीह चौराहे पर स्थित मंदिर को हटाया गया, सड़क चौड़ीकरण के लिए लिया गया निर्णय

वाराणसी के मंडुवाडीह चौराहे पर स्थित मंदिर को हटाया गया, सड़क चौड़ीकरण के लिए लिया गया निर्णय

वाराणसी : लहरतारा-बीएचयू फोरलेन सड़क चौड़ीकरण परियोजना के तहत के मंडुवाडीह चौराहे पर स्थित शिव मंदिर को प्रशासन ने देर रात हटा दिया। स्थानीय लोगों और प्रशासन के बीच 8 महीने तक चली बैठक के बाद मंदिर को पास के स्थान पर स्थापित करने आश्वासन दिया गया है।

वाराणसी: शहर के मंडुवाडीह चौराहे के पास स्थित एक मंदिर को प्रशासन ने हटा दिया है। यह कदम लहरतारा-बीएचयू फोरलेन सड़क चौड़ीकरण परियोजना के तहत उठाया गया है। इस कार्रवाई के दौरान इलाके में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए और कई थानों की पुलिस तैनात रही।

8 महीने की प्रक्रिया के बाद हुआ निष्कर्ष : मंदिर को हटाने की प्रक्रिया पिछले 8 महीनों से जारी थी। स्थानीय निवासियों और प्रशासन के बीच इस मुद्दे पर कई दौर की बैठकें हुईं। प्रशासन ने स्थानीय लोगों को आश्वस्त किया कि मंदिर को पास के ही एक नए स्थान पर स्थापित किया जाएगा।

सड़क चौड़ीकरण के लिए आवश्यक कदम : मंडुवाडीह चौराहे की सड़क का चौड़ीकरण किया जा रहा है। इसके लिए पहले ही चौराहे के दोनों तरफ के अतिक्रमण को ध्वस्त किया जा चुका है। अब चौड़ीकरण की जद में आ रहे इस मंदिर को हटाया गया। मंदिर के अंदर दो से तीन छोटी मूर्तियां और एक शिवलिंग मौजूद था। प्रशासन ने इन्हें सुरक्षित तरीके से अन्य स्थान पर स्थापित करने का आश्वासन दिया है।

प्रशासन ने लिया स्थानीय लोगों की सहमति : डीसीपी वरुणा जोन, चंद्रकांत मीना, ने बताया कि मंदिर को हटाने का निर्णय स्थानीय लोगों और मंदिर में पूजा करने वालों की सहमति से लिया गया है। उनका कहना था, "हमने यह सुनिश्चित किया कि इस प्रक्रिया में धार्मिक भावनाओं का सम्मान किया जाए और मूर्तियों को सुरक्षित स्थानांतरित किया जाए।"

देर रात चली कार्रवाई : मंदिर को हटाने की प्रक्रिया देर रात शुरू हुई। इस दौरान पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने स्थिति पर कड़ी नजर रखी। मंदिर को जल्द ही पास के ही स्थान पर स्थापित किया जाएगा।

स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया : इस कार्रवाई को लेकर स्थानीय निवासियों की मिली-जुली प्रतिक्रिया सामने आई है। कुछ लोगों ने प्रशासन के इस कदम का समर्थन किया, जबकि कुछ ने इसे अपनी धार्मिक भावनाओं से जुड़ा मामला बताया। हालांकि, प्रशासन ने स्पष्ट किया कि यह निर्णय शहर के विकास और यातायात व्यवस्था को सुधारने के उद्देश्य से लिया गया है।

योजना का उद्देश्य : लहरतारा-बीएचयू फोरलेन परियोजना वाराणसी की एक महत्वपूर्ण योजना है, जिसका उद्देश्य यातायात को सुगम बनाना और शहर की कनेक्टिविटी को बेहतर बनाना है। मंदिर को हटाने की इस कार्रवाई को भी इसी योजना के तहत एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

(UP Khabar News, वाराणसी)

Published By : SANDEEP KR SRIVASTAVA Updated : Sun, 19 Jan 2025 08:47 AM (IST)
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Tags: varanasi news temple demolition latest news in hindi सड़क चौड़ीकरण

Category: breaking news up news politics varanasi news

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