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कानपुर: एटीएम ठगी गैंग का भंडाफोड़, दो आरोपी गिरफ्तार

कानपुर: एटीएम ठगी गैंग का भंडाफोड़, दो आरोपी गिरफ्तार

कानपुर में साइबर सेल ने एटीएम मशीनों में डिवाइस लगाकर लाखों रुपये की ठगी करने वाले दो जालसाजों को गिरफ्तार किया है, जबकि गिरोह का सरगना अभी भी फरार है।

कानपुर: शहर में साइबर अपराधों की बढ़ती घटनाओं के बीच साइबर सेल ने एक बड़ी सफलता हासिल की है। शुक्रवार को पुलिस ने एटीएम मशीनों में डिवाइस लगाकर लाखों रुपये की ठगी करने वाले दो जालसाजों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपियों में एक अपना दल (एस) से जिला पंचायत सदस्य का चुनाव लड़ चुके वीरेंद्र उर्फ पंकज यादव और महाराजपुर के हाथीपुर मोड़ निवासी असरजीत शामिल हैं। इनके गैंग का सरगना महाराजपुर के करबिगवां का बट्टा अभी भी फरार है।

कुछ दिन पहले एसबीआई प्रबंधन ने पुलिस को सूचना दी कि उनके एटीएम मशीनों से बिना किसी नुकसान के रुपये गायब हो रहे हैं। इसके बाद एडीसीपी क्राइम अंजली विश्वकर्मा की अगुवाई में जांच शुरू की गई। जांच में पता चला कि आरोपी बिना सुरक्षा वाले एसबीआई एटीएम मशीनों को निशाना बना रहे थे।

आरोपियों ने यूट्यूब से एटीएम मशीनों से रुपये निकालने की तकनीक सीखी थी। उन्होंने दिसंबर 2024 से इस तरह की घटनाओं को अंजाम देना शुरू किया था। गिरफ्तारी के दौरान आरोपियों के पास से तीन मोबाइल फोन, 38 डेबिट और क्रेडिट कार्ड, 8 एटीएम स्टील प्लेट (डिवाइस), 4 पासबुक, 1 चेक बुक और 2 आधार कार्ड बरामद हुए हैं।

डीसीपी क्राइम आशीष श्रीवास्तव ने बताया कि, आरोपी एटीएम मशीन का ऊपरी शटर चाबी से खोलते थे और उसके अंदर कैश ट्रे में देसी डिवाइस लगा देते थे। जब कोई ग्राहक रुपये निकालने के लिए मशीन का इस्तेमाल करता, तो पूरी प्रक्रिया होने के बाद भी रुपये नहीं निकलते थे। इसके बाद कार में बैठे आरोपी मशीन के पास पहुंचकर चाबी से शटर खोलते और डिवाइस में फंसे रुपये निकाल लेते थे।

आरोपियों की इस चालाकी का एक पहलू यह था कि ग्राहकों को कोई नुकसान नहीं होता था। अगर मशीन से रुपये नहीं निकलते थे, तो बैंक ग्राहक के खाते में रकम वापस कर देता था। इस वजह से ग्राहकों ने न तो थाने में शिकायत दर्ज कराई और न ही बैंक को सूचना दी।

आरोपी वीरेंद्र ने बताया कि वे प्रतिदिन तीन से पांच लोगों को जाल में फंसाकर उनके खातों में रुपये डलवाते थे। अगर एक खाते से 10 हजार रुपये की ठगी की जाती थी, तो उस खाते के मालिक को 2 हजार रुपये किराये के तौर पर दिए जाते थे। आरोपी इस समय 90 किराये के खातों का इस्तेमाल कर रहे थे।

इस मामले में सफलता हासिल करने वाली टीम को डीसीपी क्राइम आशीष श्रीवास्तव ने 25 हजार रुपये का इनाम दिया है। आरोपियों को दोपहर बाद कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया गया है। पुलिस अब फरार गैंग सरगना बट्टा की तलाश में जुटी है।

Published By : SANDEEP KR SRIVASTAVA Updated : Sat, 01 Mar 2025 01:23 PM (IST)
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Tags: kanpur crime atm fraud cyber cell kanpur

Category: crime cyber crime

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