भारत ने खेल इतिहास में एक और स्वर्णिम अध्याय जोड़ दिया है। भारतीय मेंस और विमेंस खो-खो टीम ने पहली बार आयोजित खो-खो वर्ल्ड चैंपियनशिप में इतिहास रचते हुए खिताब पर कब्जा किया। दोनों टीमों ने नेपाल को फाइनल मुकाबले में हराकर यह गौरव हासिल किया। खास बात यह है कि पूरे टूर्नामेंट में भारतीय टीमों ने एक भी मैच नहीं गंवाया।
भारतीय पुरुष टीम ने फाइनल में अपने आक्रामक और रणनीतिक खेल का प्रदर्शन करते हुए नेपाल को हराया। टीम ने पूरे टूर्नामेंट में अपनी कड़ी मेहनत और अनुशासन का उदाहरण पेश किया। महिला टीम ने भी अपने बेहतरीन खेल से नेपाल की महिला टीम को पराजित किया। उनकी सटीक रणनीति और सामूहिक प्रयास ने टीम को जीत का ताज पहनाया।
यह खो-खो की पहली वर्ल्ड चैंपियनशिप थी। भारत ने टूर्नामेंट के हर मैच में अपने प्रतिद्वंद्वियों को एकतरफा अंदाज में हराया। टूर्नामेंट का आयोजन नेपाल में किया गया।
भारत की इस ऐतिहासिक जीत ने खो-खो जैसे पारंपरिक खेल को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान दिलाई है। इस सफलता से भारतीय खिलाड़ियों और खेल प्रेमियों में जोश का संचार हुआ है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय महिला टीम को पहला खो-खो विश्व कप जीतने पर रविवार को बधाई देते हुए कहा कि इस जीत ने भारत के सबसे पुराने पारंपरिक खेलों में से एक को और अधिक सुर्खियों में ला दिया है।
भारतीय महिला टीम ने रविवार को यहां नेपाल के खिलाफ फाइनल मुकाबले में 78-40 की शानदार जीत दर्ज की मोदी ने एक्स पर लिखा, भारतीय महिला और पुरुष दोनों टीम को पहला खो-खो विश्व कप जीतने पर बधाई। यह ऐतिहासिक जीत उनके अद्वितीय कौशल, दृढ़ संकल्प और टीम वर्क का परिणाम है।
उन्होंने कहा कि इस जीत ने भारत के सबसे पुराने पारंपरिक खेलों में से एक को और अधिक सुर्खियों में ला दिया है और इससे देश भर के युवा खिलाड़ियों को प्रेरणा मिलेगी। प्रधानमंत्री ने कहा, आशा है कि यह उपलब्धि आने वाले समय में और अधिक युवाओं के लिए इस खेल को अपनाने का मार्ग प्रशस्त करेगी।
वही उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी एक्स पर ट्वीट करके महिला और पुरुष दोनों टीमों को बधाई दी है।
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