Sun, 30 Mar 2025 02:13:34 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA
वाराणसी: राजस्थान के मेवाड़ सम्राट राणा सांगा को लेकर समाजवादी पार्टी के राज्यसभा सांसद रामजी लाल सुमन द्वारा दिए गए बयान पर उठा विवाद और गहरा गया है। जहां करणी सेना इसे अपने पूर्वजों का अपमान बताते हुए उग्र प्रदर्शन कर रही है, वहीं समाजवादी पार्टी ने इस मुद्दे को राजनीतिक रंग दे दिया है। सपा कार्यकर्ताओं ने शनिवार को वाराणसी जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन करते हुए राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन सौंपकर सांसद की सुरक्षा बढ़ाने की मांग की।
सपा कार्यकर्ताओं का प्रदर्शन, डीएम को सौंपा ज्ञापन:
शनिवार सुबह सपा कार्यकर्ता समाजवादी बाबा साहब अंबेडकर वाहिनी के जिलाध्यक्ष जितेंद्र कुमार यादव के नेतृत्व में जिला मुख्यालय पहुंचे। हाथों में बैनर और तख्तियां लिए कार्यकर्ताओं ने दलितों पर हमला बंद करो, लोकतंत्र का सम्मान करो जैसे नारों के साथ प्रदर्शन किया। डीएम कार्यालय पर प्रदर्शन के दौरान प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में सपा कार्यकर्ताओं ने ज्ञापन सौंपा। एडीएम सिटी ने ज्ञापन स्वीकार करते हुए उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया।
पुलिस की मौजूदगी में सांसद के घर पर हमला, गाड़ियां तोड़ीं:
सपा कार्यकर्ताओं का आरोप है कि 26 मार्च को करणी सेना के कार्यकर्ताओं ने पुलिस की मौजूदगी में सांसद रामजी लाल सुमन के आगरा स्थित आवास पर हमला कर दिया। हमलावरों ने घर में घुसकर तोड़फोड़ की, मकान को ध्वस्त करने की कोशिश की, और खड़ी गाड़ियों को क्षतिग्रस्त कर दिया। सांसद के परिवारवालों को जान से मारने की धमकी भी दी गई। इस घटना के बाद सपा कार्यकर्ता आक्रोशित हैं और सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सवाल उठा रहे हैं।
जनता द्वारा चुने गए सांसद को धमकी देना लोकतंत्र पर हमला:
सपा नेत्री पूजा यादव ने इस हमले की निंदा करते हुए कहा कि करणी सेना के कार्यकर्ताओं का मनोबल इतना बढ़ चुका है कि वे खुलेआम एक सांसद को धमकी देने और उनके घर पर हमला करने से भी नहीं हिचक रहे। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं हुई तो समाजवादी बाबा साहब अंबेडकर वाहिनी पार्टी पूरे उत्तर प्रदेश में बड़े स्तर पर आंदोलन करेगी। उन्होंने यह भी मांग की कि राज्यसभा सांसद रामजी लाल सुमन की सुरक्षा बढ़ाई जाए और इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
सुरक्षा बढ़ाने और दोषियों पर कठोर कार्रवाई की मांग:
सपा कार्यकर्ताओं ने ज्ञापन में राज्यपाल से मांग की कि उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था को सुदृढ़ किया जाए, ताकि दलितों, पिछड़ों, अल्पसंख्यकों और महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। उन्होंने सरकार से अनुरोध किया कि वह दोषियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार कर कठोरतम दंड दे, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, सांसद रामजी लाल सुमन ने हाल ही में संसद में मेवाड़ के वीर योद्धा राणा सांगा के संदर्भ में एक बयान दिया था, जिसे करणी सेना ने अपमानजनक बताया। इसके बाद से करणी सेना के कार्यकर्ता पूरे प्रदेश में आक्रोशित हैं और सांसद के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। दूसरी ओर, सपा सांसद माफी मांगने से इनकार कर चुके हैं, जिससे मामला और तूल पकड़ चुका है। करणी सेना ने सांसद के खिलाफ न्यायालय का सहारा लेने की बात कही है, जबकि सपा कार्यकर्ता सांसद की सुरक्षा बढ़ाने की मांग को लेकर प्रशासन पर दबाव बना रहे हैं।
क्या होगा आगे?
इस विवाद के चलते उत्तर प्रदेश की राजनीति गर्मा गई है। जहां करणी सेना इसे स्वाभिमान की लड़ाई बता रही है, वहीं सपा इसे दलित उत्पीड़न का मामला मान रही है। आने वाले दिनों में यह विवाद और गहरा सकता है, जिससे प्रदेश की राजनीति में नया मोड़ आ सकता है। अब देखना यह होगा कि प्रशासन इस विवाद को सुलझाने के लिए क्या कदम उठाता है और दोषियों पर क्या कार्रवाई होती है।