Tue, 04 Mar 2025 15:28:06 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA
वाराणसी: एंटी करप्शन टीम की कार्रवाई में मंगलवार को वाणिज्य कर विभाग के संग्रह अमीन सिकंदर कुमार सोनकर को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया। आरोपी अमीन ने एक फर्म का सीज खाता फिर से खोलने के लिए 10 हजार रुपए की रिश्वत मांगी थी। घटना के बाद आरोपी को कैंट थाने ले जाया गया, जहां पूछताछ के बाद उसके खिलाफ मामला दर्ज किया गया। पुलिस आरोपी को जल्द ही भ्रष्टाचार निवारण कोर्ट में पेश करेगी।
मामला महमूरगंज के सुदामापुर निवासी हिमांशु राय की फर्म से जुड़ा है। हिमांशु का फर्म खाता कुछ दिनों पहले बंद हो गया था। इसके बाद उन्होंने दस्तावेजों में सुधार कर खाता फिर से खोलने के लिए आवेदन किया। इस आवेदन की जांच और रिपोर्ट तैयार करने की जिम्मेदारी वाणिज्य कर विभाग के संग्रह अमीन सिकंदर कुमार सोनकर को सौंपी गई।
हिमांशु के मुताबिक, सिकंदर कुमार सोनकर ने उनसे मुलाकात कर कागजात लेकर 20 हजार रुपए की मांग की। हिमांशु ने इस मांग पर असहमति जताई, लेकिन आरोपी ने कुछ पैसे लेकर काम करने की बात कही। अंततः दोनों के बीच 10 हजार रुपए पर बात तय हुई। हिमांशु ने इसकी शिकायत एंटी करप्शन टीम से की।
इंस्पेक्टर सत्यवीर सिंह ने हिमांशु से पूरे मामले की जानकारी लेकर आरोपी अमीन को पकड़ने की योजना बनाई। मंगलवार को हिमांशु राय चेतगंज की हथुआ मार्केट पहुंचे और सिकंदर कुमार सोनकर को 10 हजार रुपए थमा दिए। जैसे ही आरोपी ने रुपए लिए, एंटी करप्शन टीम के सदस्यों ने उसे रंगे हाथों पकड़ लिया।
आरोपी को तुरंत कैंट थाने ले जाया गया, जहां उससे पूछताछ की गई। पुलिस ने मामले में सभी दस्तावेजों की जांच की और आरोपी के खिलाफ केस दर्ज किया। पुलिस अब आरोपी को भ्रष्टाचार निवारण कोर्ट में पेश करेगी।
पीड़ित हिमांशु राय ने पुलिस को पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि उनके सभी दस्तावेज पूरे होने के बावजूद आरोपी ने रिश्वत की मांग की थी।
यह मामला एक बार फिर सरकारी विभागों में फैले भ्रष्टाचार की ओर इशारा करता है। एंटी करप्शन टीम की यह कार्रवाई भ्रष्टाचार के खिलाफ चल रहे अभियान की एक और सफलता है। पुलिस ने आश्वासन दिया है कि ऐसे मामलों में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
इस घटना के बाद स्थानीय लोगों ने एंटी करप्शन टीम की सराहना की है और कहा है कि ऐसी कार्रवाई से भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने में मदद मिलेगी।