देशभर में 120 करोड़ के टोल प्लाजा घोटाले में STF ने एक और आरोपी को किया गिरफ्तार, राजस्थान से हुई गिरफ्तारी

देशभर में 120 करोड़ के टोल प्लाजा घोटाले के मामले में एसटीएफ ने राजस्थान के चित्तौड़गढ़ से सावन लाल कुम्हावत को गिरफ्तार किया, जिसने लालगंज के अतरैला शिवगुलाम टोल प्लाजा पर सॉफ्टवेयर इंस्टाल किया था।

Sat, 25 Jan 2025 01:09:24 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA

देशभर के 42 टोल प्लाजा से सॉफ्टवेयर के जरिए वसूली को कम दिखाकर 120 करोड़ रुपये के घोटाले के मामले में एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स) ने एक और आरोपी को गिरफ्तार किया है। आरोपी सावन लाल कुम्हावत, जो राजस्थान के चित्तौड़गढ़ का रहने वाला है, को शुक्रवार को गिरफ्तार किया गया। सावन लाल ने लालगंज के अतरैला शिवगुलाम टोल प्लाजा पर घोटाले के लिए सॉफ्टवेयर इंस्टॉल किया था।

एसटीएफ लखनऊ के निरीक्षक दीपक सिंह के नेतृत्व में 21 जनवरी की देर रात शिवगुलाम टोल प्लाजा पर छापेमारी की गई। इस दौरान, मैनेजर राजीव कुमार मिश्रा (निवासी रानीपुर मेजा, प्रयागराज) और मनीष मिश्रा (निवासी हरदिहा, लालगंज) को गिरफ्तार किया गया। हालांकि, एक अन्य आरोपी पंकज शुक्ला (निवासी लालानगर, ज्ञानपुर, भदोही) मौके से फरार हो गया।

छापेमारी से पहले एसटीएफ ने मुखबिर की सूचना पर बाबतपुर एयरपोर्ट के पास से सॉफ्टवेयर तैयार करने वाले आलोक सिंह को पकड़ा था। आलोक से मिली जानकारी के आधार पर टोल प्लाजा पर छापा मारा गया और कई दस्तावेज़ व सबूत बरामद किए गए।

एसटीएफ की संयुक्त जांच टीम ने तकनीकी दस्तावेज और वित्तीय रिकॉर्ड खंगालने के बाद कंपनी के आईटी इंजीनियर सावन लाल कुम्हावत की भूमिका का खुलासा किया। सावन पर फास्ट टैग प्रणाली के जरिए सरकार को करोड़ों रुपये का नुकसान पहुंचाने का आरोप है। पूछताछ के बाद सावन को लालगंज पुलिस को सौंपा गया, जिसने चालान कर उसे जेल भेज दिया। थानाध्यक्ष संजय सिंह ने बताया कि सावन लाल से पूछताछ के दौरान कई महत्वपूर्ण जानकारियां सामने आई हैं। एसटीएफ और पुलिस की संयुक्त टीमें अब इस घोटाले में शामिल अन्य आरोपियों की तलाश और मामले की गहन जांच कर रही हैं।

एएसपी ऑपरेशन ओपी सिंह ने कहा, मामले में एक और आरोपी को पकड़ा गया है। आरोपी सावन ने टोल पर सॉफ्टवेयर इंस्टाल किया था। जांच के बाद अन्य आरोपियों को भी जल्द गिरफ्तार किया जाएगा। यह घोटाला टोल वसूली में पारदर्शिता और जवाबदेही की कमी को उजागर करता है। मामले की गहराई से जांच और दोषियों पर सख्त कार्रवाई से ही ऐसे भ्रष्टाचार को रोका जा सकता है।

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