Mon, 21 Apr 2025 17:17:14 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA
शाहजहांपुर: निगोही क्षेत्र में रविवार की शाम उस समय अफरा-तफरी मच गई जब जठिया गांव के पास एक दर्दनाक सड़क हादसे में एक महिला की जान चली गई। प्रदीप कुमार अपनी पत्नी अमरीशा देवी और बेटे किशन के साथ एक शादी समारोह में शामिल होने जा रहे थे। इसी दौरान निगोही से लगभग 14 किलोमीटर दूर, पीलीभीत सीमा के निकट पुलिस चेकिंग चल रही थी। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, चेकिंग के नाम पर एक सिपाही ने बाइक सवारों पर डंडा चला दिया, जिससे प्रदीप की बाइक अनियंत्रित हो गई और अमरीशा देवी सड़क पर गिर पड़ीं। तभी पीछे से आ रहे एक डंपर ने उन्हें कुचल दिया, जिससे उनकी मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई।
हादसे के बाद मौके पर भारी हंगामा खड़ा हो गया। गुस्साए ग्रामीणों और राहगीरों ने सड़क पर जाम लगा दिया, जिससे शाहजहांपुर और पीलीभीत मार्गों पर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं। देखते ही देखते जाम करीब पांच किलोमीटर तक फैल गया। सूचना मिलते ही तिलहर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा विधायक सलोना कुशवाहा भी घटनास्थल पर पहुंचीं। उन्होंने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि सहालग का सीजन चल रहा है, इसलिए चेकिंग पर रोक थी, बावजूद इसके पुलिस ने सड़क पर 'लूट मचा रखी है'। उन्होंने गुस्से में कहा, "अगर पुलिस ने डंडा मारा है तो अब महिला को जिंदा कर दिखाइए। जनता के साथ इस तरह का खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। डंडा चलाने वाले सिपाही को निलंबित कराया जाएगा।"
घटना की सूचना पर सीओ सदर प्रयांक जैन और एसडीएम जीत सिंह भी मौके पर पहुंचे और भीड़ को शांत करने का प्रयास किया। लेकिन लोगों का गुस्सा इतना अधिक था कि वे डीएम को मौके पर बुलाने की मांग करने लगे। ग्रामीणों ने 50 लाख रुपये मुआवजे और दोषी पुलिसकर्मियों पर सख्त कार्रवाई की मांग उठाई। रात साढ़े दस बजे तक दोनों ओर लगभग तीन-तीन किलोमीटर लंबा जाम लगा रहा। पुलिस ने वैकल्पिक मार्गों से वाहनों का आवागमन शुरू कराया, लेकिन स्थिति देर रात तक सामान्य नहीं हो पाई थी।
रात में एडीएम और एसपी देहात के मौके पर पहुंचने के बाद पुलिस ने सख्ती से कार्रवाई करते हुए शव को हटवाया। इस दौरान भी माहौल तनावपूर्ण बना रहा। पुलिस ने जाम लगाने वाले 50 से 60 अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है। प्राथमिकी में उल्लेख किया गया है कि जाम खुलवाने के प्रयास के दौरान पुलिसकर्मियों से गाली-गलौज कर अभद्रता की गई और सरकारी कार्य में बाधा डालते हुए धक्का-मुक्की की गई। दरोगा लोकेश और कांस्टेबल मोहित भाटी को चोटें आने की भी पुष्टि की गई है।
पूरा घटनाक्रम पुलिस की चेकिंग व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करता है। ग्रामीणों का आक्रोश इस बात का प्रतीक था कि आम जनता किस कदर पुलिसिया कार्रवाई से असंतुष्ट है। इस घटना ने क्षेत्र में कानून व्यवस्था को लेकर गहरी चिंता पैदा कर दी है। अब देखना यह है कि प्रशासन जनता की नाराजगी को कैसे दूर करेगा और दोषी कर्मियों के खिलाफ क्या ठोस कार्रवाई की जाती है।