UPI लेन-देन में बड़ा बदलाव: 1 फरवरी 2025 से ट्रांजेक्शन ID की लंबाई होगी 35 कैरेक्टर तक सीमित

राष्ट्रीय भुगतान निगम ने यूपीआई ट्रांजेक्शन आईडी की सीमा 35 अक्षर तक तय की, जो 1 फरवरी 2025 से अनिवार्य होगी, डिजिटल भुगतान में यूपीआई का हिस्सा 83% होने के बाद ये फैसला किया गया है।

Sat, 01 Feb 2025 09:14:42 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA

नई दिल्ली: अगर आप डिजिटल पेमेंट के लिए UPI का इस्तेमाल करते हैं, तो यह खबर आपके लिए महत्वपूर्ण है। राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) ने ट्रांजेक्शन ID की लंबाई को 35 कैरेक्टर तक सीमित करने का आदेश दिया है। इससे पहले, ट्रांजेक्शन ID की लंबाई 4 से 35 कैरेक्टर के बीच हो सकती थी। NPCI के नए निर्देशों के अनुसार, 1 फरवरी 2025 से सभी ऐप्स और भुगतान सेवाओं को इस नियम का पालन करना अनिवार्य होगा।

डिजिटल पेमेंट में UPI की हिस्सेदारी 83% पर पहुंची
भारत में डिजिटल पेमेंट का उपयोग लगातार बढ़ रहा है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, UPI की बाजार हिस्सेदारी 2019 में 34% थी, जो अब बढ़कर 83% हो गई है। वहीं, NEFT, RTGS, IMPS, क्रेडिट और डेबिट कार्ड जैसे अन्य डिजिटल पेमेंट माध्यमों की हिस्सेदारी घटकर मात्र 17% रह गई है।

UPI के नए नियमों का असर
व्यक्तिगत उपयोगकर्ताओं पर प्रभाव
आम UPI यूजर्स को इस बदलाव का प्रत्यक्ष प्रभाव नहीं दिखेगा। हालांकि, भुगतान विफल (Payment Failure) होने की स्थिति में सतर्क रहने की आवश्यकता होगी। अगर किसी कारणवश पेमेंट फेल होता है, तो तुरंत बैंक या UPI सेवा प्रदाता से संपर्क करना चाहिए।

व्यवसायों पर प्रभाव
बड़े पैमाने पर लेन-देन करने वाले व्यापारियों को अपने पेमेंट सिस्टम को NPCI के नए निर्देशों के अनुसार अपडेट करना होगा। अगर वे ऐसा नहीं करते हैं, तो उनके लेन-देन में रुकावट आ सकती है।

UPI ऐप्स पर प्रभाव
Google Pay, PhonePe, Paytm जैसी लोकप्रिय UPI ऐप्स को इस बदलाव को लागू करने के लिए अपने सिस्टम में आवश्यक बदलाव करने होंगे। NPCI ने सभी सेवा प्रदाताओं को समय रहते अपने सिस्टम को अपडेट करने के निर्देश दिए हैं।

ग्राहकों के लिए महत्वपूर्ण सुझाव
✔ UPI ऐप को अपडेट रखें – UPI ऐप का नवीनतम संस्करण सुनिश्चित करें, ताकि नए नियमों का पालन हो सके।
✔ पेमेंट फेल होने पर सतर्क रहें – अगर कोई लेन-देन फेल हो जाता है, तो तुरंत बैंक या कस्टमर सपोर्ट से संपर्क करें।
✔ बिजनेस अकाउंट अपडेट करें – व्यापारिक संस्थानों को नए नियमों का पालन करने के लिए अपने तकनीकी सिस्टम को अपडेट करना चाहिए।

NPCI का यह कदम डिजिटल पेमेंट सिस्टम को अधिक सुरक्षित और संगठित बनाने के लिए उठाया गया है। जैसे-जैसे भारत डिजिटल अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ रहा है, UPI पेमेंट सिस्टम में बदलाव और सुधार होते रहेंगे।

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