Thu, 13 Feb 2025 20:23:30 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA
जौनपुर: केराकत कोतवाली क्षेत्र के शेखज्यादा मोहल्ले में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। एक निजी अस्पताल के पीछे झाड़ियों में नवजात शिशु का शव मिला, जिसे कुत्तों ने बुरी तरह नोच डाला। इस हृदयविदारक दृश्य को देख स्थानीय लोगों में आक्रोश फैल गया।
स्थानीय लोगों के अनुसार, मंगलवार सुबह जब कुछ लोग उस इलाके से गुजरे, तो उन्होंने झाड़ियों में कुत्तों को मंडराते देखा। जब पास जाकर देखा, तो वहां नवजात शिशु का शव पड़ा था। कुत्तों ने उसके दोनों हाथ बुरी तरह नोच डाले थे। यह देख लोगों ने तुरंत पुलिस को सूचना दी।
स्थानीय लोगों का मानना है कि किसी ने जन्म के तुरंत बाद ही इस मासूम को झाड़ियों में फेंक दिया होगा। यह स्पष्ट नहीं हो सका कि नवजात मृत पैदा हुआ था या जन्म के बाद उसकी जान ली गई। इस अमानवीय कृत्य को लेकर इलाके में भारी आक्रोश है। लोगों का कहना है कि यदि किसी को बच्चा नहीं चाहिए था, तो उसे किसी अनाथालय या अस्पताल में सुरक्षित सौंपा जा सकता था। इस तरह खुले में फेंकना न केवल अमानवीय है, बल्कि समाज के लिए भी शर्मनाक है।
सूचना मिलने के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और नवजात के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया। पुलिस अधिकारियों ने कहा कि मामले की जांच की जा रही है। आसपास के अस्पतालों से भी जानकारी जुटाई जा रही है कि कहीं किसी महिला ने हाल ही में प्रसव तो नहीं कराया।
विशेषज्ञों के मुताबिक, नवजात को इस तरह फेंकना अपराध की श्रेणी में आता है। ऐसे मामलों में दोषी पाए जाने पर कठोर सजा हो सकती है।
इस घटना के बाद सामाजिक संगठनों और स्थानीय नागरिकों ने कड़ी निंदा की है। उन्होंने प्रशासन से मांग की कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कदम उठाए जाएं। साथ ही, नवजात शिशुओं के परित्याग को रोकने के लिए जागरूकता अभियान चलाया जाए, ताकि कोई भी मां-बाप इस तरह के अमानवीय कृत्य को अंजाम न दें।
सरकार और प्रशासन को चाहिए कि अनाथ बच्चों के लिए बेहतर व्यवस्थाएं बनाई जाएं, ताकि कोई भी मजबूरी में ऐसे कदम न उठाए।
केराकत में हुई यह घटना केवल एक अपराध ही नहीं, बल्कि समाज के नैतिक पतन को भी दर्शाती है। यह सोचने पर मजबूर करता है कि आखिर कोई मां-बाप अपने नवजात को इस तरह मरने के लिए कैसे छोड़ सकते हैं? प्रशासन को चाहिए कि दोषियों की पहचान कर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करे, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।