Wed, 02 Apr 2025 11:30:33 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA
आगरा: शहर के नाई की मंडी के सुंदरपाड़ा इलाके में दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। ई-रिक्शा चालक शक्ति कुमार ने अपनी पत्नी पार्वती उर्फ शिवानी (21) की गला रेतकर और हाथों की नसें काटकर नृशंस हत्या कर दी। हैरान करने वाली बात यह है कि हत्या के बाद भी वह तीन दिनों तक पत्नी के शव के साथ कमरे में ही रहा। इस दर्दनाक घटना की भनक तब लगी जब मृतका की बहन गीता सोमवार की रात वहां पहुंची।
तीन दिन तक मौत के साये में जीते रहे परिजन:
इस दो मंजिला मकान की पहली मंजिल पर हत्यारे के परिजन रहते थे और दूसरी मंजिल पर शक्ति कुमार का कमरा था। परिजनों ने इस जघन्य अपराध की सूचना पुलिस को नहीं दी, जो कई सवाल खड़े करता है। पुलिस ने आरोपी शक्ति कुमार को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि घटना के बाद से उसके परिवार के अन्य सदस्य फरार हैं।
भोपाल से आगरा तक का सफर, लेकिन दर्द भरी रही जिंदगी:
मृतका की बहन गीता ने बताया कि वे मूल रूप से भोपाल के गौहरगंज, रायसेन जिले के निवासी हैं। पार्वती की शादी आगरा में हुई थी। पिता की मौत के बाद पार्वती और मां मीना भी आगरा आ गए थे। करीब पांच साल तक वे भोगीपुरा में रहे। तीन साल पहले मां की मौत हो गई, जिसके बाद पार्वती अपनी बहन गीता के साथ राजनगर, लोहामंडी में रहने लगी।
करीब ढाई साल पहले उसकी पहचान सुंदरपाड़ा निवासी शक्ति कुमार से हुई और दोनों ने कोर्ट मैरिज कर ली। लेकिन यह रिश्ता पार्वती के लिए अभिशाप बन गया। शादी के बाद से ही पति शक्ति नशे का आदी था और पार्वती को लगातार प्रताड़ित कर रहा था। दहेज की मांग और मारपीट उसकी जिंदगी का कड़वा सच बन चुका था।
प्रताड़ना से तंग आकर मायके गई, फिर माफी मांगकर लाया वापस:
पार्वती लगातार अपने पति के अत्याचारों से परेशान थी। 15 दिन पहले वह छोटे भाई लखन के पास रायसेन चली गई थी। 26 मार्च को शक्ति वहां पहुंचा और माफी मांगकर उसे आगरा ले आया। लेकिन इसके बाद भी अत्याचार कम नहीं हुआ। 29 मार्च को पार्वती करौली की पदयात्रा से लौटी और बहन गीता से फोन पर एक हजार रुपये मांगे। उसने बताया कि शक्ति उसे फिर परेशान कर रहा है। गीता ने ऑनलाइन पैसे भेजे, लेकिन इसके बाद से पार्वती का फोन बंद आने लगा।
बदबू से खुला खौफनाक राज:
पार्वती से संपर्क न होने पर गीता चिंतित हो गई। उसने आसपास के परिचितों से बहन के बारे में पूछताछ की, लेकिन कोई जानकारी नहीं मिली। आखिरकार सोमवार रात 8 बजे वह खुद सुंदरपाड़ा पहुंची। वहां शक्ति के घर के पहली मंजिल पर उसके परिजन रहते थे, जबकि दूसरी मंजिल पर शक्ति का कमरा था।
जैसे ही गीता वहां पहुंची, उसे तेज दुर्गंध महसूस हुई। किसी अनहोनी की आशंका में उसने दरवाजा खोला तो अंदर का मंजर देख उसके होश उड़ गए। पार्वती मृत पड़ी थी। धारदार हथियार से उसका गला रेता गया था और हाथों की नसें कटी हुई थीं। शव सड़ने लगा था, जिससे यह स्पष्ट था कि हत्या दो-तीन दिन पहले हुई थी।
बहन ने भिड़कर कातिल को पकड़वाया:
गीता ने जैसे ही अपनी बहन की मौत देखी, वह सकते में आ गई। सदमे में होने के बावजूद उसने हिम्मत नहीं हारी। जब वह थाना नाई की मंडी जा रही थी, तभी रास्ते में शक्ति उसे नजर आ गया। गुस्से में तिलमिलाई गीता ने शक्ति को पकड़ लिया और दोनों के बीच झड़प होने लगी। आसपास के लोग जुट गए और उन्होंने शक्ति को पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया।
परिजन फरार, पुलिस जांच में जुटी:
इस जघन्य अपराध की सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि तीन दिनों तक शक्ति के परिवार वालों ने न तो पुलिस को सूचना दी और न ही कोई कार्रवाई की। गीता का आरोप है कि इतने दिनों तक पार्वती कमरे से बाहर नहीं आई, लेकिन घरवालों को उसकी मौत की भनक न लगी, यह असंभव है।
घटना के बाद से शक्ति की मां विद्या देवी, बहन सुषमा, पिता भगवती, और भाई शिवा फरार हैं। पुलिस उनकी तलाश में जुटी है। पुलिस अधिकारी डीसीपी सिटी सोनम कुमार ने बताया कि आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है और उसके फरार परिजनों की भी तलाश जारी है।
मानवता को झकझोर देने वाली घटना:
यह घटना न केवल एक परिवार के लिए, बल्कि समाज के लिए भी बड़ा सवाल खड़ा करती है। आखिर क्यों एक लड़की को शादी के बाद यातनाओं का सामना करना पड़ा? क्यों उसका दर्द किसी ने नहीं समझा? और सबसे बड़ा सवाल, तीन दिनों तक एक शव के साथ रह रहे व्यक्ति को क्या किसी ने नहीं देखा या उसकी हरकतों पर शक नहीं हुआ? यह घटना नारी सुरक्षा और समाज की संवेदनहीनता पर गंभीर सवाल खड़े करती है।
आगरा पुलिस की इस मामले में आगे की कार्रवाई पर सभी की निगाहें टिकी हैं। यह देखना होगा कि क्या पार्वती को न्याय मिलेगा या यह मामला भी अन्य मामलों की तरह फाइलों में दबकर रह जाएगा।