Thu, 24 Apr 2025 20:40:44 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA
वाराणसी: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए कायरतापूर्ण आतंकी हमले में निर्दोष हिन्दू पर्यटकों की बर्बर हत्या के विरोध में देशभर में आक्रोश फैल गया है। इसी क्रम में विश्व हिन्दू परिषद् के युवा संगठन बजरंग दल द्वारा शुक्रवार को रामनगर में एक विरोध प्रदर्शन एवं कैंडिल मार्च का आयोजन किया गया। इस प्रदर्शन का उद्देश्य न केवल आतंकवाद के विरुद्ध जन जागरूकता फैलाना था, बल्कि केंद्र सरकार से इस्लामिक आतंकवाद के विरुद्ध निर्णायक कार्रवाई की मांग भी प्रमुखता से उठाई गई।
प्रदर्शन की शुरुआत शास्त्री चौक से हुई, जहाँ सैकड़ों की संख्या में हिन्दू समाज के लोग कैंडिल लिए एकत्रित हुए। वहाँ से यह शांति मार्च रामनगर चौराहे तक पहुँचा, जहाँ आतंकवाद के प्रतीकस्वरूप एक पुतले का दहन किया गया। इस कृत्य के माध्यम से पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद के खिलाफ कठोर विरोध दर्ज कराया गया। आयोजन के संयोजक बजरंग दल काशी महानगर-दक्षिण भाग के जिला संयोजक यश नाईक ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि "अब समय आ गया है कि इस्लामिक आतंकवाद को जड़ से समाप्त किया जाए। जब तक इसका समूल नाश नहीं होता, तब तक निर्दोष नागरिकों की जान खतरे में बनी रहेगी।"
उन्होंने यह भी स्पष्ट रूप से कहा कि आतंकियों के हौसले तब तक पस्त नहीं होंगे जब तक भारत सरकार सख्त नीति नहीं अपनाती। उन्होंने मांग की कि सरकार ऐसे आतंकी हमलों का कड़ा जवाब दे और साथ ही मृतकों को न्याय दिलाने के लिए हर संभव प्रयास करे।
विरोध प्रदर्शन में कई प्रमुख सामाजिक कार्यकर्ताओं और बजरंग दल के वरिष्ठ सदस्यों ने भाग लिया, जिनमें प्रमोद भनौत, महेन्द्र सिंह, संतोष शर्मा, आनंद शर्मा, प्रदीप पाण्डेय, आशुतोष सिन्हा, रंजय सिंह, आशा गुप्ता, प्रीति सिंह बघेल, आशीष सिंह, अजय प्रताप, अशोक जयसवाल, दीपक चौहान आदि शामिल थे। सभी वक्ताओं ने एक स्वर में आतंकवाद के खिलाफ कठोर कदम उठाने की मांग की और साथ ही हिन्दू समाज से सतर्क एवं संगठित रहने का आह्वान किया।
पूरे कार्यक्रम के दौरान शांतिपूर्ण वातावरण बनाए रखा गया और पुलिस प्रशासन द्वारा सुरक्षा की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित की गई थी। अंत में शहीद हिन्दू पर्यटकों की आत्मा की शांति हेतु दो मिनट का मौन रखा गया और कैंडिल जलाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई।
बजरंग दल के इस विरोध कार्यक्रम ने न केवल लोगों की संवेदनाओं को झकझोरा, बल्कि आतंकवाद के विरुद्ध सरकार को सख्त नीति अपनाने की एक बार फिर सामूहिक आवाज दी है। प्रदर्शन ने यह स्पष्ट कर दिया कि देश की जनता अब ऐसे हमलों को लेकर केवल शोक में नहीं रहना चाहती, बल्कि निर्णायक और स्थायी समाधान चाहती है।